कोविड-19 के नए वेरिएंट्स और बूस्टर डोज़ की महत्ता
अपडेटेड: मई 26, 2025 | लेखक: News48 Hindi
कोविड-19 के नए वेरिएंट्स: NB.1.8.1, JN.1, XFG सीरीज़ और LF.7
दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई नए वेरिएंट्स अब फैलने लगे हैं। इनमें NB.1.8.1, JN.1, XFG सीरीज़ और LF.7 शामिल हैं। ये सभी ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स माने जा रहे हैं। वैज्ञानिकों द्वारा इन पर गहन निगरानी रखी जा रही है।
बूस्टर डोज़ क्यों है आवश्यक?
झारखंड के मैक्सिलोफेशियल सर्जन और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. अनुज कुमार का कहना है कि कोविड-19 की पुरानी वैक्सीन और बूस्टर डोज़ भी नए वेरिएंट्स पर प्रभावी हैं। वे सभी लोगों से अपनी वैक्सीन और बूस्टर डोज़ लेने की सलाह देते हैं।
वैक्सीन का असर नए वेरिएंट्स पर
डॉक्टर के मुताबिक, वैक्सीन का असर नए वेरिएंट्स पर भी उतना ही फायदेमंद है, जितना पहले था। बूस्टर डोज़ और वैक्सीन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है, जो संक्रमण से बचाती है।
किन लोगों के लिए जरूरी है बूस्टर डोज़?
डॉक्टर ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, डायबिटीज या बीपी से पीड़ित लोगों, और इम्यूनिटी से संबंधित बीमारियों वाले लोगों को बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी है।
बूस्टर डोज़ कितना सुरक्षित है?
बूस्टर डोज़ लेने से संक्रमण के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 6 महीने बाद बूस्टर डोज़ दोबारा ली जा सकती है।